Monday, April 23, 2012

विजय



धुँए सी उतर रही है शाम
सड़क जगमगा रही है रोशनी से
थके लोग बाहर हैं गलियाँ खामोश हैं
एक ओर सूरज की डूबती लाली
चाँद निकलता हुआ
लोग लड़ रहे हैं धुँए से लाली सफेदी से
जीतने के लिए
थोड़ी देर में घर आबाद होंगे सड़कें खामोश होंगी
आसमान सफेद होगा
क्या यह अंधकार की अंतिम विजय है नहीं
कल फिर सूरज निकलेगा
सड़कें फिर रोशन होंगी

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